NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT BAGLAMUKHI SADHNA

Not known Factual Statements About baglamukhi sadhna

Not known Factual Statements About baglamukhi sadhna

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To produce a puja yantra To begin with produce a trikona and mark a Shatkona on the skin followed by marking Ashtadal and Vrita on it. On its exterior, Bhupur must be made use of ahead of presenting the yantra. The yantra need to be utilized to put in writing with a plate employing 8 various fragrances.

अभी कुछ समय पेहले ही मुझे एक खुशखबरी प्रपात हुई है निर्मल जो मेरा शिष्य है उसने दो शक्तिओ का परतक्षीकरण हासिल किया है एक महाकाली का और एक मासनी देवी का ! यह मेरे लेया बहुत खुशी की बात है !

Mahavidya Bagalamukhi s beejamantra as i have noticed everywhere is hlreem(ह्ल्रीं ), which is made from 3 sounds mixed with each other -ha la ra ; the place ,ha would be the bīja for ākāśa; la would be the bīja

अर्थात् – विराट् दिशा’ दशों दिशाओं को प्रकाशित करनेवाली, ‘अघोरा’ सुन्दर स्वरूपवाली, ‘विष्णु-पत्नी’ विष्णु की रक्षा करनेवाली वैष्णवी महा-शक्ति, ‘अस्य’ त्रिलोक जगत् की ‘ईशाना’ ईश्वरी तथा ‘सहसः ‘महान् बल को धारण करनेवाली ‘मनोता’ कही जाती है।

The son has the ideal around all the property of The daddy, but the knowledge that may be enlightened only via the Expert, the son too might get it from only initiation.

Bagalamukhi is strongly affiliated with the yellow colour. She dresses in yellow outfits and ornaments. Various texts explain her affinity to the colour; yellow is definitely an integral Component of her worship rituals. Bagalamukhi is propitiated with yellow choices by devotees wearing yellow, seated on a yellow cloth.

धातु की मूर्ति, यंत्र, शालिग्राम इत्यादि हों, तो उन पर जल चढ़ाएं। मिट्टी की मूर्ति हो, तो पुष्प अथवा तुलसीदल से केवल जल छिड़कें। चित्र हो, तो पहले उसे सूखे वस्त्र से पोंछ लें। फिर गीले कपड़े से, पुन: सूखे कपड़े से पोंछें। देवताओं की प्रतिमाओं को पोंछने के लिए प्रयुक्त वस्त्र स्वच्छ हो। वस्त्र नया हो, तो एक-दो बार पानी में भिगोकर तथा सुखाकर प्रयोग करें। अपने कंधे के उपरने से अथवा धारण किए वस्त्र से देवताओं को न पोंछें।

The gurus are identified with scripture-debate plus the yogi is determined with yoga. At the same time, the seeker is discovered with his siddhi.

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं फट

देवी पूजन के उपरांत here किए जानेवाले कृत्य

नलखेड़ा ( आगर मालवा ). आगर मालवा जिले के नलखेड़ा में लखुंदर नदी के तट पर स्थित है मां बगलामुखी का भव्य मंदिर। यह मंदिर धार्मिक व तांत्रिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां का हवन दुनियाभर में तंत्र साधना और अपने पर आए कष्टों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध है

मंगलवार और रविवार रात्रि विशेष भगवती बगलामुखी का प्रयोग होता है। जो भी अपनीं समस्याओं का निदान हेतु व हवन, पूजन, प्रयोग, और विशेष विघान हेतु आते हैं, माँ भगवती उनकी हरेक मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। यहाँ दैत्य गुरू शुक्राचार्य तपोभूमि पर स्थित माँ बगलामुखी साघना पीठ मंदिर परिसर भक्तों के लिए विशेष मंगलवार रात्रि को पूर्ण रात्रि खूला रहता है। जजमान यहाँ उपस्थित आचार्यों से अपनी समस्या-सम्बन्धित संकल्प देकर पूजा, पाठ, यज्ञ, प्रयोग, देवी अभिषेक, ध्वज आदि विघान व तांत्रिक प्रयोग कराते हैं।

चौदहवां उपचार: देवीको मनपूर्वक नमस्कार करना

आवाहन ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा।

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